पिंकी जैन's Album: Wall Photos

Photo 31,755 of 35,294 in Wall Photos

यह कहानी जो हम सभी जीवन से जुडी है, एक बार ध्यान से इसे अवश्य पढ़ें --

एक अतिश्रेष्ठ व्यक्ति थे, एक दिन उनके पास एक निर्धन आदमी आया और बोला की मुझे अपना खेत कुछ साल के लिये उधार दे दीजिये, मैं उसमे खेती करूँगा और खेती करके कमाई करूँगा ।

वह अतिश्रेष्ठ व्यक्ति बहुत दयालु थे उन्होंने उस निर्धन व्यक्ति को अपना खेत दे दिया और साथ में पांच किसान भी सहायता के रूप में खेती करने को दिये और कहा की इन पांच किसानों को साथ में लेकर खेती करो, खेती करने में आसानी होगी, इस से तुम और अच्छी फसल की खेती करके कमाई कर पाओगे।

वो निर्धन आदमी ये देख के ओर बहुत खुश हुआ की उसको उधार में खेत भी मिल गया और साथ में पांच सहायक किसान भी मिल गये।

लेकिन वो आदमी अपनी इस ख़ुशी में बहुत खो गया, और वह पांचो किसान अपनी मर्ज़ी से खेती करने लगे और वह निर्धन आदमी अपनी ख़ुशी में डूबा रहा, जब फसल काटने का समय आया तो देखा की फसल बहुत ही ख़राब हुई थी, उन पांच किसानो ने खेत का उपयोग अच्छे से नहीं किया था न ही अच्छे बीज डाले, न ही अच्छे से खाद पानी दिया जिससे की फसल अच्छी हो सके।

जब वह अतिश्रेष्ठ दयालु व्यक्ति ने अपना खेत वापस माँगा तो वह निर्धन व्यक्ति रोता हुआ बोला की मैं तो ओर बर्बाद हो गया, मैं अपनी ही ख़ुशी में डूबा रहा और इन पांच किसानो को नियंत्रण में न रख सका न ही इनसे अच्छी खेती करवा सका।

अब जरा यहाँ ध्यान दीजियेगा -

वह अतिश्रेष्ठ दयालु व्यक्ति हैं - ''भगवान"
निर्धन व्यक्ति हैं - "हम"
खेत है - "हमारा शरीर"
पांच किसान हैं हमारी इन्द्रियां - आँख, कान, नाक, जीभ और मन ।

प्रभु ने हमें यह शरीर रुपी खेत अच्छी फसल (कर्म) करने को दिया है और हमें इन पांच किसानो को अर्थात इन्द्रियों को अपने नियंत्रण में रख कर अच्छे कर्म करने चाहियें, जिससे जब वो दयालु प्रभु जब ये शरीर रूपी खेत हमसे वापस मांग कर हिसाब करें तो हमें रोना न पड़े, न ही हमें किसी प्रकार का कोई अफ़सोस हो ।

इस ज्ञान को अपने जीवन में अमल में लायें और हमेशा सुखी स्वस्थ रहे, आप निरोगी हो और एक अच्छा जीवन जियें।