शुक्रवार 26.01.2018
माघ शुक्ल पक्ष 8
विक्रम सम्वत् 2074
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
*गणतंंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें*
*सुविचार*
*पुष्प की अभिलाषा*
*माखनलाल चतुर्वेदी*
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर, हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सिर पर,
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ!
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जावें वीर अनेक।
*इतिहास में आज* :
1950- भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ और भारत का संविधान लागू हुआ।
सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।