गुरुवार 22.03.2018
चैत्र शुक्ल पक्ष 5
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
*आज विश्व जल दिवस, विश्व दृष्टि दिवस और बिहार स्थापना हैं*
*सुविचार*
संत शिरोमणी कबीरजी कहते हैं कि अरे मन ! तू अपने मनोरथों को तू छोड़ दे, क्योंकि तेरे करने से कुछ होने-जाने का नहीं। यदि पानी में से ही घी निकलने लगे, तो फिर कौन रूखी रोटी खाएगा? मतलब यह कि मन तो पानी की तरह है जिसको मथने से कुछ नहीं निकलता और घी से तात्पर्य है आत्म-दर्शन जो आत्म चिन्तन से ही प्राप्त हो सकता है।
*इतिहास में आज*
1882 : घातक संक्रामक बीमारी टीबी की पहचान हुई। इसका पता लगाने वाले वैज्ञानिक को बाद में नोबेल पुरस्कार दिया गया।
सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।