बुधवार 04.04.2018
वैशाख कृष्ण पक्ष 4
विक्रम सम्वत् 2075
श्री वीर निर्वाण सम्वत् 2544
*आज अंतर्राष्ट्रीय खान जागरूकता दिवस है*
*सुविचार*
हिमाच्छादित पर्वत शिखर, हरे-भरे घने जंगल, तपते सूखे रेगिस्तान, मन-मोहक मैदान, लहलहाती शस्य-श्यामला फसलें, पहाड़ों से उतर कर मैदानों की धरती को सींचती-बहती सदानीरा नदियां, कल-कल निनाद करते झरने और तट से टकराती विशाल सागर की लहरों का गर्जन! सारी धरती पर जीवन का स्पंदन। धरती को गरमाती, जीवन जगाती सूरज की किरणें, नीले आसमान में अचानक घिर कर रिमझिम बरसते बादल... कितनी सुंदर है यह पृथ्वी, यह धरती मां! सोच कर मेरा मन प्रफुल्लित हो उठता है।
अज्ञात
*इतिहास में आज*
1905 : कांगड़ा घाटी में आए भयंकर भूकंप में लगभग 20,000 लोगों की मौत हुई.
सभी मित्रों को सपरिवार सादर जयजिनेंद्र, शुभप्रभात और नमस्कार। आपका दिन मंगलमय हो।