पिंकी जैन's Album: Wall Photos

Photo 32,916 of 35,402 in Wall Photos

बिश्नोई समाज के.संस्थापक जम्भेश्वर जी ने जीव दया का पाठ पढ़ाया था. वे कहते थे, 'जीवो के प्रति दया रखनी चाहिए और पेड़ों की हिफाजत करनी चाहिए. इन कार्यो से व्यक्ति को बैकुंठ मिलता है.".इस समाज के लोग दरख्तों और वन्य प्राणियों के लिए रियासत काल में भी हुकूमत से लड़ते रहे हैं.
जोधपुर रियासत में जब सरकार ने पेड़ काटने का आदेश दिया था तो बिश्नोई समाज के लोग विरोध में आ खड़े हुए थे. ये 1787 की बात है. उस वक्त राजा अभय सिंह का शासन था."
उस वक्त ये नारा दिया गया था, 'सर साठे रूंख रहे तो भी सस्तो जान.' इसका मतलब था, अगर सिर कटाकर भी पेड़ बच जाएं तो भी सस्ता है."जब रियासत के लोग पेड़ काटने के लिए आए तो जोधपुर के खेजड़ली और आस-पास के लोगों ने विरोध किया."
"उस वक्त बिश्नोई समाज की अमृता देवी ने पहल की और पेड़ के बदले खुद को पेश किया."
"इसी कड़ी में बिश्नोई समाज के 363 लोगों ने दरख्तों के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया. इनमें 111 महिलाएं थीं."बिश्नोई समाज के संस्थापक जम्भो जी पंवार राजपूत थे. साल 1487 में जब जबरदस्त सूखा पड़ा तो जम्भो जी ने लोगो की बड़ी सेवा की." जम्भो जी ने प्रकृति का सम्मान करने की सीख दी है. हम सह अस्तित्व में विश्वास करते हैं."
"जितना मनुष्य का जीवन मूल्यवान है, उतना ही महत्वपूर्ण है प्रकृति की रक्षा करना."
इस समाज की पेड़ और वन्यप्राणीयो
के प्रति इतना समर्पण और प्यार का ही नतीजा है कि आज सलमान खान जैसे भारत के actor को घुटनों पे ला खड़ा कर दिया....