#केदारेश्वर_मंदिर_कर्नाटक
ये मंदिर लगभग 950 साल पुराना है
चौंकिए मत हमारा भारत ऐसे आश्चर्य से भरा पड़ा है।
जहां एक छोटी सी गलती से भी यह नक्काशी टूट सकती थी, वहां यह मान लेना कि यह वास्तु कला केवल छेनी हथौड़ी से बनी है, यह बड़ा अजीब लगता है। हमें यह भी बताया जाता था कि उस समय कोई मशीनें कोई उपकरण नहीं थे।
क्या यह सत्य हो सकता है? या फिर वामपंथी इतिहासकारों ने जानबूझकर हमसे सच छुपाया है, ताकि हम अपने इतिहास पर गर्व ना करें।उस समय का इतिहास लिखना उनके हाथ में था परंतु आज का इतिहास लिखना हमारे हाथ में है। तो क्यों ना हम स्वयं इसका प्रचार प्रसार करें।