एक अकेली रेखा कब तक 'सीता' का सम्मान रखे,
पग पग बिखरे हैं रावण, कहा तक जटायु ध्यान रखे|
आत्मा कांप उठती है,सिर्फ सुनकर ही, तो कल्पना करें उस बेटी के साथ जो राक्षसों ने जो निर्मम कृत्य किया,उसके माता पिता पर क्या बीत रही होगी ,कैसे बर्दाश्त करेंगे इतनी बड़ी पीड़ा को।