घर से भागी हुई बेटियां
घर से बाद में भागती है
उससे बहुत पहले वह
भाग चुकी होती हैं
अपने आप से
अपने आप से भागने
की प्रक्रिया अंचिन्ही
रह जाती है
किंतु दूसरा भागना
होता है अप्रत्याशित
चकित उठ बैठता है
घर बार पड़ोसी ,रिश्तेदार
और साथ ही पूरा शहर
घर से भागी हुई लड़की
पहले घर से निराश होती है
और बाद में निराश होती है
अपनी द्वारा ढूंढी आज से
उसके पास नहीं होता
कोई कंधा
अपना दुख कहने को
घर से भागी लड़की
हर मोड़ पर
तलाश ती है नेह
लेकिन छलता है उसे
हर रास्ता
और छोड़ आता है उसे
कभी किसी विसाद की
नदी के किनारे
या झोंक देता है
आत्मग्लानि के दावानल में
घर से भागी लड़की के
शव की शिनाख्त नहीं होती
घरवाले कहते हैं
वह मर चुकी थी
हमारे लिए बहुत पहले
मरे हुए की मौत
बार-बार नहीं होती
लेकिन मरने से पहले
हर पल में सौ सौ बार मरती है
घर से भागी लड़की
घर से भागी लड़की की आंखें
मरने के बाद भी खुली रहती हैं
किसी अपने के इंतजार में
अगली बार जो भागे कोई लड़की
उसे बेटी ही बने रहने देना
रहने को एक कर देना
रोने को कंधा देना
वापसी का मार्ग देना
और जहां भी रहे
रहे आनंद
बिटिया को
शुभ आशीष देना !!
निधि अग्रवाल ✍️
Notes-हमारी पोस्ट किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचाना या भागी हुई लड़कियों का समर्थन या उन्हें सह देने का नहीं है !!