आदरणीय व सम्माननीय, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी, वन्देमातरम के बाद यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर कब तक धर्म के लिए और देश के लिए बलिदान देने वाले और उनके परिवार दर-ब-दर की ठोकरें खाते रहेंगे? और उनके नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले एैश करते रहेंगे? यद्यपि आज आपको सत्ता में आये हुये 6 वर्ष गुजर चुके हैं, लेकिन दल-बदलू और पार्टी की आला कमान के पसंदीदा नेता व अधिकारी मौज ले रहे हैं और देश व धर्म की बलि वेदी पर चढ़कर स्वर्ग पहुंचने वाले या जीवित बच जाने वाले रोटी कपड़ा मकान के लिए तरस रहे हैं। आपसे एैसी आशायें न थीं,न हैं और होनी भी नहीं चाहियें,मगर आखिर कब तक? वन्देमातरम