कैप्टन अमित भारद्वाज जिन्होंने आज ही के दिन सन 1999 में अपने 30 साथियो को कवर फायर देते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी ताकि वे अपने 30 साथियो को बचा सकें।। कारगिल युद्ध में वीरगति के 57 दिनों बाद शव मिला तब भी बन्दूक अपने हाथो में पकड़ी हुई थी ।।।
शत शत नमन