मुझे शिकायत हे ऐसे मीडिया से और इनकी भड़काऊ रिपोर्टिंग से!
इनको ममता दीदी के आदेश में साम्प्रदायिकता और कट्टरपन नहीं दिखा और अगर हिन्दू आज डिमांड करे तो कट्टरपन और इसमें किसी मुस्लिम की ना तो कोई गलती हे ना ऐसी कोई मांग की गयी.
तो क्या ये साज़िस हे दो समुदाय के लोगो को लड़ा कर अपनी दुकान चलाने की?