अगर ये निशानी हे आक्रमण और अत्याचार की, तो ये निशानी हे हिन्दुओ के अकरमन्यता, अस्मिता के अभाव, विश्वाशघात और व्यक्ति पूजा की भी और आज भी हे.
तब हम विदेशी अक्रान्ताओ को खुश करने के लिये अपनी मातृभूमि को भूल गए थे और आज नेताओ को खुश करने के लिए और तुच्छ फायदे के लिए कर्तव्यों को भूल गए!
इतिहास और भविष्य दोनों ही माफ़ ना करेगा