मित्रो
पतंजलि की दवाई पर आपने हल्ला सुना ही होगा और ये लीवर का उत्पाद कोई हल्ला नहीं कोई विरोध नहीं
क्यों ?? क्योंकि सब सेट है
लेकिन क्या हम लोग भी ऐसे नहीं है? या तो हमारी हैसियत नहीं या फिर हम भी सेट है. फेसबुक ट्विटर पर भगवान राम को अपशब्द कहे जाये , सनातन धर्म का अपमान किया जाये , सनातन धर्म और आयुर्वेद के लिए बोलने पर प्रतिबंधित किया जाये और हम और हमारे बुजुर्ग बुद्दिजीवी शूरमा दद्दा लोग प्रतिबन्ध का चुपचाप पालन करेंगे या फिर नयी पहचान से फिर वहीँ पहुंच जायेंगे तब हमको कोई अपमान महसूस नहीं होता क्योंकि वो विदेशी है
लेकिन कोई भारतीय, भारतीय स्वभिमान के लिए प्रयास करे तो शर्ते रखी जाये??
एक दिन में कोई बच्चा दारा सिंह या प्रधानमंत्री मोदी नहीं बन जाता, सतत प्रयास बहुत जरुरी है और उनका मनोबल बढ़ाये रखना हम लोगो का काम है फिर वो चाहे बाबा रामदेव हो , हमारे गावँ के कुटीर उधोग या फिर हमारा खुद का सोशल मीडिया.
Inbook को आप मित्रो पर गर्व है कि बहुत सारी कमियों के बाद भी आप अपने Inbook का साथ दे रहे है
जय माँ भारती