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हास्‍य और सेक्‍स के बीच क्‍या संबंध है--
इनमें निश्‍चित संबंध है; संबंध बहुत सामान्‍य है। सेक्‍स का चरमोत्कर्ष और हंसी एक ही ढंग से होता है; उनकी प्रक्रिया एक जैसी है।
यही कारण है कि कभी भी किसी की मृत्‍यु सेक्‍स क्रिया के दौरान हार्ट अटेक से नहीं हुई। यह आश्‍चर्यजनक है। क्‍योंकि सेक्‍स क्रिया श्रमसाध्‍य कार्य है। यह महान योग है। लेकिन कभी कोई नहीं मरा इसका सामान्‍य सा कारण है कि यह गहन विश्रांति लाता है।
यही प्रक्रिया हंसी के साथ भी है: यह भी तुम्‍हारे भीतर का निर्माण करता है। एक निश्‍चित कहानी और तुम सतत उपेक्षा किये चले जाते हो। कि कुछ होगा। और जब सचमुच कुछ होता है वह इतना अनउपेक्षित होता है कि वह तनाव को मुक्‍त कर देता है। वह होना तार्किक नहीं है। हंसी के बारे में यह बहुत महत्‍वपूर्ण बात समझना आवश्‍यक है। यह होना बहुत मजाकिया होना चाहिए, इसे निश्‍चित हास्‍यास्‍पद होना चाहिये। यदि तुम इसका तार्किक ढंग से निष्‍कर्ष निकाल सको, तब वहां हंसी नहीं होगी।
एक और अर्थ में हंसी और सेक्‍स मन में गहरे से जुड़े है।सेक्‍स और हंसी के केंद्र दिमाग में बहुत पास-पास है, इसलिए कभी-कभी वे एक दूसरे को ढाँक सकते है।