सेना रक्षक है भारत की
आन-बान-शान की,
कीमत चुका नहीं सकते हम
सेना के बलिदान की,,
नेताओं पर फूल बरसते
और सेना पर पत्थर...
चैन से घर में सोते हैं हम
सैनिकों के दम पर
हमको वो मुस्कान है देते
बारूद में जलकर
जिसको जरा भी शक हो
देखे कश्मीर में चलकर
घाटी गवाह है...
सेना के बलिदान की,
कीमत चुका नहीं सकते हम
सेना के बलिदान की,,
घात लगा करके ही गीदड़
शेरों से टकराते हैं
देख के ऐसे मंज़र शोले
आंखों में भर आते हैं
नेताओं की आंखों में तो
आंसू भी नहीं आते हैं
बहुत सह लिया हम सब ने
अब बांध सब्र के जाते हैं
किसको फिक्र है...
सेना के बलिदान की,
कीमत चुका नहीं सकते हम
सेना के बलिदान की,,
जब निंदा करने की
सीमा को दिल्ली लांघेगी
जब सेना को हुकुम मिलेगा
जब दिल्ली जागेगी
जब सेना आतंकियों को
चौराहों पर टांगेगी
सिर पर रखकर पैर यहां से
तब दहशत भागेगी
कीमत चुकेगी तब...
सेना के बलिदान की,
सेना रक्षक है भारत की
आन-बान-शान की,,
सेना रक्षक है भारत की
आन-बान-शान की,
कीमत चुका नहीं सकते हम
सेना के बलिदान की,,