अचानक से मुझे सुनाई दिया
भैया सीट से हट जाओ मेरे पास बच्चे है,
उस शेरनी (शेरनी-अमां वई शाईन बाग बाली बाजी) ने 24-25 साल के लड़के से कहा,
तो लड़के ने बड़ी शालीनता से कहा कि आप महिला सीट पर जाओ तो वो बोली कि वहा सब लेडीज बैठी है,
तो लड़के ने अपने कान के हेडफोन हटाते हुए कहा तो मैं क्या करू ??
मुझे भजनपुरा जाना है, जो अभी काफी दूर है ,
तो वो अपने बच्चो की धौस दिखाने लगी कि मेरे पास छोटे छोटे बच्चे है
आपको शर्म नही आती ??
सीट नही छोड़ सकते ?
अब मैं भी तमाशा देखने लगा
मामला गर्म होने की बजाय मसालेदार हो रहा था,
लड़के ने एक बड़ी अच्छी बात कही,
आप लोगो का यही ड्रामा है
हर साल एक बालक जनना,
और उसी के ऊपर कूदना,
हमसे पूछकर कर पैदा किये थे बच्चे ??
अब बच्चे पैदा तुम करो, सीट हम छोड़े ??
इतनी ही बच्चो की फिक्र थी तो कैब करती , या खाली बस में घुसती,
अब तुम्हे फ्री सफर भी चाहिए और सीट भी चाहिये,
मैं नही दे रहा सीट,
और बस का कंडक्टर भी बोला
की दे दे भाई सीट,
लड़का बोला कि मैं किसी महिला रिज़र्व सीट पर नही हु, तू अपने टिकट काट,
कंडक्टर भी शायद अरबी भेड़ था,
या न भी हो,
पर वो तुंरत चुप होकर बस के बाहर देखने लगा,
इतने में मुझे ये तो यकीन हो गया
लड़का उसको बातों में धुनने को तैयार है,
वो उसके पास ही खड़ी रही और लड़का भी बुदबुदाता रहा कि
की काफ़िर सीट देंगे ??
फिर तुम्हे अपना घर ??
और फिर कश्मीर वाले हालात ??
शेरनी को आगे एक इन्सानियत के कर्मचारी ने अपनी सीट ऑफर कर दी,
और वो बैठ गयी और अब वो अपने शावकों के लिए सीट मांगने लगी,
लड़के ने जोर से उस सेक्युलर को ताना मारा कि भाई साहब घर दे दो अपना,
तभी ये बच्चे अच्छा जीवन जियेंगे,
कंडक्टर चिल्लाने लगा की भाई जिसे अप्सरा बॉर्डर उतरना हो उतर जाओ,
बात रुक गयी और लड़का शांत हो गया,
और वो शेरनी सीमापुरी उतर गई
मात्र 15 मिनट के सफर में ये सब नाटक हुआ,
ये घटना है , बस की,
बस रूट no 33 नोएडा सेक्टर 37 से भजनपुरा की तरफ जाती है,
रोज की तरह लोग इसमे घुसते है, और अपने आफिस और दूसरे काम के लिए निकलते है,
मैं अपनी सीट पर बैठा ये नाटक देख रहा था कि जरूरत पड़ी तो मैं भी उस लड़के समर्थन करूंगा,, ( दिल्ली एनसीआर की बसों में एक लाइन महिलाओ के लिए आरक्षित है )
मेरा मन आज कुलांचे मार रहा था कि काफी दिनों बाद कोई मेरे जैसा मिला।
जागना जरूरी है,
क्योंकि बच्चे पैदा वो करेंगे और sacrifice हमे करना पड़ रहा है,
सालो से यही चल रहा है,
ये ज्यादा दिन नही चलना अब
लोग जाग गए है