उत्तराखंड,,देहरादून ,,18.6.2020 *चीन के द्वारा किये गए भारत पर नापाक हमले के विरोध में भारतीय किसान यूनियन "तोमर" ने जिलाधिकारी को सौंपा अपना विरोधपत्र*
हाल ही में चीन के द्वारा भारत के खिलाफ हुए नापाक हमलों में शहीद हुए भारतीय जवानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन "तोमर" ने प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा के नेतृत्व में जिलाधिकारी देहरादून आशीष कुमार श्रीवास्तव को अपना विरोध पत्र प्रेषित किया है। भारतीय किसान यूनियन "तोमर" के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा हाल ही में चीन के द्वारा की गई नापाक हरकत से सीमा पर शहीद हुए हमारे भारतीय वीर जवानों को हमारे समस्त किसानों की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करती है। भारतीय किसान यूनियन "तोमर" भारत सरकार से अनुरोध करती है कि चीन को उसकी काली करतूतों के लिए "ईंट का जवाब पत्थर से" दिया जाए जिससे कोई अन्य देश भारत के साथ नापाक हरकत ना कर सके। भारत में चीनी समान पूर्ण रूप से बंद करके स्वदेशी को अपनाएं यह नियम लागू होना चाहिए। भारत के अंदर चीनी सामान बेचने वालों पर कठोर कार्यवाही और सजा का प्रावधान होना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन "तोमर" सरकार से मांग करती है कि भारत में काम करने वाले चीनी कंपनियों को शीघ्र अति शीघ्र बंद करवाएं, जिससे भारत को आर्थिक लाभ हो सके। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो भारतीय किसान यूनियन "तोमर" पूरे देश में इसका पुरजोर विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रदेश अध्यक्ष शर्मा बोले कि संगठन सरकार से मांग करता है कि सीमा पर शहीद हुए अमर शहीदों के परिवारों को सम्मानजनक आर्थिक सहायता प्रदान करें तथा उनके परिवारों का आजीवन ध्यान रखें। संगठन भारत के समस्त वासियों से अनुरोध करता है कि चीन में निर्मित किसी भी समान का प्रयोग ना करें और स्वदेशी को अपनाएं जिससे देश का धन देश में ही रहे और देश को इसका लाभ मिले। भारतीय किसान यूनियन "तोमर" सरकार से यह भी मांग करती है कि कोई भी समाचार पत्र में समाचार चैनल इत्यादि में चीन के समान का विज्ञापन प्रसारित ना कर सके ऐसा कुछ प्रावधान बनाया जाये। सरकार से अनुरोध है कि ऐसे कार्यों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। भारतीय किसान यूनियन "तोमर" पूरे तन मन के साथ देश की सरकार के साथ खड़ा है तथा इस संकट की घड़ी से निपटने हेतु भारत सरकार से अपेक्षा करती है कि भारत के समस्त युवा किसानों को योग्यता के आधार पर हर प्रकार के हथियारों को चलाने के लिए क्षेत्रों में कैंप लगाकर प्रशिक्षण दें, जिससे कि भारत के युवा किसान संकट की घड़ी में अपने देश के जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बिना वेतन के भारत की सुरक्षा हेतु अपना योगदान देकर जय जवान जय किसान की मिसाल पेश कर सकें।