बहुत मुँहफट है
हूँ, हाँ, के अलावा मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा!
बडी एडवांस है भई, बात बात में ठहाके लगा रही है
मुँह ही नीचे किये बैठी है आजकल कोई इतना शर्माता है!
गाँव की है, बडे शहर में कैसे एडजस्ट करेगी
बडे शहर की है, दिमाग दिखायेगी!
हमें तो नौकरी वाली ही चाहिये
इतनी पढी लिखी का हम क्या करेंगें,हमें तो घर सँभालने वाली चाहिये!
चार बहिनें हैं, हमारा लडका तो निभाते निभाते ही बूढा हो जायेगा
बाप नहीं है, माँ का हमें ही करना पडेगा
भाई नहीं है,आगे मायका तो रहेगा ही नहीं
सोने की एक भी चीज नहीं पहनी है
हमें कँगले घर की नहीं, खानदानी चाहिये!
दाँत बहुत ऊँचे हैं
रंग जरा पक्का है
चश्में का नम्बर ज्यादा लग रहा है
आँख में कुछ फर्क है
चेहरे पे मुँहासे बहुत हैं
बिल्कुल भी स्मार्ट नहीं है
औरत की तरह लग रही है
कैसे कपडे पहन रखें हैं , फैशन का तो पता ही नहीं है
चाय तक ढंग से सर्व करनी नहीं आ रही
अग्रेंजी तो बोल ही नहीं रही
माँ बडी तेज दिख रही है
बजट बहुत कम है!
कौनसा हमारे साथ रहना है, जिसके साथ रहना है उसे ही पसंद नहीं आ रही !
फुसफुसाहटें, हवा में उछलते भद्दे ठहाके
तीखी नजरें, चुभती बातें !
कि ये हीरे जैसी लडकियाँ
बेशऊर जौहरियों के हाथों
एक एक करके
बेदर्दी से बेगौरा कर दी जाती हैं !
सुनो.......
ये शादी की मंडी में बैठना जरूरी है क्या !!