किसी शर्मनाक हरकत के लिए अक्सर कहा जाता है कि जानवर हो क्या?
लेकिन केरल में जो हुआ उसके बाद अब शायद ये कहावत बदलनी पड़े जहां खाने की तलाश में शहर की ओर आई हथिनी को किसी ने अन्नास के अंदर पटाखे रख कर खिला दिया...
जैसे ही उसने उसे खाने की कोशिश की, उसके मुंह के भीतर धमाके होने लगे और दर्द से छटपटाती हुई वो जंगल की ओर भागी लेकिन यहां भी उसने इंसानियत नहीं छोड़ी इस दौरान वो जिस रास्ते और गांव से निकली लेकिन किसी घर को नहीं तोड़ा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और एक नदी में जाकर खड़ी हो गई और तीन दिन तक पानी में खड़ी रही और वहीं जान दे दी...
और जब पोस्टमार्टम हुआ तो डॉक्टर भी खुद को रोने से नहीं रोक सके जब उन्होंने देखा कि वो हथिनी अकेली नहीं मरी है उसके पेट में एक नन्ही जान पल रही थी...
दरअसल किसी क्रूर इंसान ने तीन जानें ली हैं हथिनी की, उसके बच्चे की और भरोसे की जो उसने हम इंसानों पर किया...
वो हथिनी तीन दिन तक पानी में खड़ी रही और किसी को अपने पास नहीं आने दिया शायद वो जवाब चाह रही थी कि...
कि हमें जानवर कहने वालों क्या तुम सच में इंसान हो?