Shikhar Akash's Album: Wall Photos

Photo 4 of 65 in Wall Photos

*sujit verma, mathura*

*विश्व प्रसिद्ध दो गांवों के बीच बिन शादी ससुराल का नाता, राधाकृष्ण के प्रेम से जुड़ी है परंपरा*

मथुरा-
ब्रज का कण-कण राधा-कृष्ण के पावन प्रेम का साक्षी है। यहां की परंपराएं अनूठी हैं, जो राधा-कृष्ण के पावन रिश्ते को आज भी संजोए हुए हैं। ऐसी ही एक परंपरा राधारानी के गांव बरसाना और श्रीकृष्ण के नंदगांव के बीच 5000 वर्षों से चली जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार इन दोनों गांवों के बीच अब तक कोई वैवाहिक संबंध नहीं हुआ है, जबकि यहां लोग ससुराल का रिश्ता निभाते हैं और एक-दूसरे का आदर-सम्मान करते हैं।
‘प्रेम सरोवर प्रेम की भरी रहे दिन रैन, जहां प्रिय प्यारी पग धरैं तो कृष्ण धरों दोऊ नैन...' इस भाव के साथ आज भी बरसाना-नंदगाव के लोग राधा-कृष्ण के पावन प्रेम को संजोए हुए हैं। दोनों गांवों के लोग आज भी श्रीराधाकृष्ण की महिमा के अनुरूप एक-दूसरे का सम्मान करते चले आ रहे हैं।
दरअसल, इस अनूठी परंपरा के पीछे राधा-कृष्ण का पावन प्रेम है। इनके रिश्ते को सम्मान देते हुए बरसाना गांव के लोग अपनी बेटियों की शादी नंदगांव में नहीं करते हैं। इसी तरह नंदगांववासी अपने बेटों की शादी बरसाना में नहीं करते हैं।
नंदगांव का हर युवा कहता है कि बरसाना मेरी ससुराल है। लठामार होली के दौरान बरसाना की महिलाएं भी नंदगांव के युवाओं को देवर मानकर हंसी-ठिठोली करती हैं। उन पर प्रेम पगी लाठियां बरसाती हैं। बरसाना और नंदगांव की लठामार होली विश्व प्रसिद्ध है।

*यह है मान्यता*
द्वापर युग में भगवान कृष्ण नंदगांव में पले बढ़े, जबकि राधा का गांव बरसाना है। राधा और श्रीकृष्ण के बीच के अद्वितीय संबंध के चलते आज भी नंदगांव और बरसाना के निवासियों के मध्य वैवाहिक संबंध नहीं किए जाते हैं। इसके पीछे स्थानीय लोगों का भाव ये है कि कहीं नए रिश्तों के चक्कर में कृष्णकालीन रिश्ता धुंधला न पड़ जाए।
बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर के सेवायत माधव गोस्वामी बताते हैं कि बरसाना के लोग राधारानी को आज भी अपनी बेटी और नंदगांव के लोगों को मेहमान (दामाद) भाव से देखते हैं। इनके आगमन और विदाई पर उसी प्रकार का सम्मान दिया जाता है।
नंदगांव स्थित नंदभवन के सेवायत बांके बिहारी गोस्वामी ने बताया कि श्रीराधाकृष्णकालीन संबंधों को आज भी नंदगांव और बरसाना के लोग निभाते चले आ रहे हैं। कृष्णकालीन पावन रिश्ते को कहीं हम भूल ना जाये, इसलिए दोनों गांव के मध्य आज भी वैवाहिक संबंध नहीं करते।