ठाकुर साकेत शुभम् 's Album: Wall Photos

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शतरंजी चाल सी जिन्दगी,
महादेव की करूँ वंदगी,

शत्रुहंता मित्रवंता ईमान प्रतिष्ठा पुजारी है हम,
कपटी छली मूर्ख धूर्त दूराचारी दुर्कुल को है गम,
जन्म-जन्मान्तर के उनके चक्कर से नेत्र है नम,

यही जीवन निश्चल,निश्चयी,निश्चिंत हमारी।।
जो है रहे बन कर इस दुनिया के व्यवसायी।।
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जय हो बाबा अघौर दानी।