आज मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ता है कि जो हिंदू समाज नारी को सदियों से देवी के रूप में पूजता आ रहा है उसी नारी के रूप में जिसको लोग देवी चित्रकला के नाम से पुकारते हैं यह एक जानी-मानी कथावाचक है यह व्यास पीठ पर बैठकर कथा सुनाती है , लेकिन हकीकत कुछ और है यह सिर्फ सनातन धर्म और सनातन परंपराओं को खंडित करने का प्रयास करती है, हजारों बेवकूफ बैठकर इस कलंकिनी का कथा सुनते हैं और यह देवी मस्जिद अजान मुसलमानों की सरपरस्ती इस्लाम को प्रथम वरीयता देती है यहां तक की व्यास पीठ पर बैठकर शराब के फायदे बताती है यह हिंदू महिलाओं को क्षति है, मुस्लिम पक्ष में खड़ी होकर यह भी एक जिहाद का ही कार्य कर रही है , यह उस संप्रदाय को महान बताती है जहां औरतों की कोई इज्जत नहीं ना कोई रिश्ता उस संप्रदाय में सिर्फ एक ही रिश्ता होता है और वह होता है सिर्फ जिस्मानी रिश्ता और कोई रिश्ता इस्लाम में नहीं है, और ना इस्लामी किसी रिश्ते को मानते हैं जहां मस्जिद के मौलवी से लेकर और भाई तक हलाला करके पवित्र करते हैं इनको उस समाज की महिलाओं को हमारे सनातन धर्म की देवियों से जोड़कर उनका अपमान करती है , और यह अपमान मैं अब सहन नहीं करूंगी , बहुत जल्द अपनी बहनों की टीम बना रही हूं और पता लगाऊंगी इसका कथा कहां हो रहा है और जब यह मुस्लिम समुदाय का नाम लेगी इसके बाल खींच कर उस मंच से मारूंगी , मुस्लिम के इन एजेंटों को जब तक पीटा नहीं जाएगा यह ऐसा ही दुस्साहस करेंगे ,,,