दोस्तों,
मई माह में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया अधिकतर दिन यह 40-42 डिग्री के बीच बना रहा। इतना अधिक तापमान होने के बाद कोई राहत नही मिल रही। विशेषज्ञ इसकी सबसे बड़ी बजह हरियाली की कमी को मानते है। उनका कहना है कि शहरीकरण की होड़ में बेहद निर्ममता से पेड़ों की हत्या की गई है।विकास के लिए कुछ हद तक यह जरूरी था लेकिन उनके बदले नए पेड़ नहीं लगाए गए।पौधारोपण हुआ भी तो सिर्फ रस्म अदायगी के रूप में। इसका नतीजा यह हुआ कि छांह की विरासत हमसे रूठ गई छांह का स्नेहिल आंचल दूर होते ही धूप के तेवर तीखे हो गए।
गर्मी के बढ़ते प्रकोप के बीच सबसे बड़ा अफसोस इस बात का है कि हम लोग अब भी हरियाली का महत्व नहीं समझ पा रहे हैं।बरसात के समय पौधारोपण की नौटंकी होगी और हाथ में कुछ नहीं आएगा।
इनबुक नेटवर्क आप सबसे विनम्र अपील करता है कि पौधे लगाने के बाद बेहद गंभीरता के साथ निगरानी करते हुए उनकी देखभाल करें तब ही हम वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को झुलसाती गर्मी से बचा पाएँगे।
एक पौधा जरूर लगाएँ।