दिलीप कुमार ने एक बार अपने साक्षात्कार में यह बताया था-
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बात उन दिनों कि है जब मैं अपने करियर के शिखर पर था। उस समय लोगों में मेरी बहुत अच्छी पहचान थी और बॉलीवुड का एक प्रसिद्ध एक्टर था।
एक बार मैं हवाई जहाज से सफर कर रहा था। मेरी बगल में बैठा हुआ व्यक्ति थोड़ा बुजुर्ग मालूम होता था। उसने सादा सिंपल पैंट शर्ट पहने थे और सामान्य परिवार का व्यक्ति प्रतीत होता था।
वहाँ बैठे सारे लोगों की नजर मुझ पर थी लेकिन वो व्यक्ति मेरी तरफ देख भी नहीं रहा था। वह आराम से अख़बार पढ़ रहा था और बार बार खिड़की से झाँक कर देख रहा था। जब चाय का समय हुआ तो उसने चाय भी बहुत जल्दी पी ली।
मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि ये व्यक्ति मेरी तरफ देख भी नहीं रहा है। मैं उसकी तरफ देखकर थोड़ा हँसा, फिर वो भी हँसा, धीरे धीरे दोनों में बात शुरू हुई। मैंने उस व्यक्ति – ” क्या आप फ़िल्में देखते हैं?”
वो व्यक्ति बोला – हाँ, पर कभी कभी, बहुत सालों पहले देखी थी फिल्म। मैंने बताया कि मैं फिल्मों में ही काम करता हूँ। वह व्यक्ति बोला – ओह, बहुत अच्छा, आप क्या करते हैं फिल्मों में?
मैंने कहा – मैं फिल्मों में एक्टर हूँ। वाह क्या बात है- उस व्यक्ति ने कहा, मैंने उसे अभी तक अपना नाम नहीं बताया था, लेकिन वो व्यक्ति अभी भी दूसरे लोगों की तरह मुझे नहीं देख रहा था।
जब यात्रा समाप्त हुई तो मैंने उस व्यक्ति वो अपने बारे में बताने के उद्देश्य से हाथ मिलाया और कहा – My name is Dilip Kumar।
उस व्यक्ति ने हँसते हुए मुझसे हाथ मिलाया और बोला -धन्यवाद, I am “J. R. D. Tata”
मैं सन्न रह गया !! उस दिन अहसास हुआ कि आप कितने भी बड़े हों, कोई फर्क नहीं पड़ता। आपसे भी बड़े बड़े लोग दुनियाँ में मौजूद हैं। किसी को कम मत आँकिए और हमेशा विनम्र बने रहिये।