मैं इश्क़ नही लिखता
मैं अश्क़ नही लिखता ,
मैं सीमा पे लड़ रहे जवानों का
रक्त नही लिखता |
मैं यार नही लिखता
मैं प्यार नही लिखता ,
मैं सीमा पर डटे जवानों की
हार नही लिखता |
मैं लिखता हूं हिमालय सा अटल
सागर सा विस्तार
लिखता हूं सूक्ष्म अणु ,परमाणु सा
मैं लिखता हूं आकाश सा अपार
मैं लिखता हूं जो शोणित में अनल भरे
लिखता हूं जो पुतलियों में प्रभंजन उतरे
मैं लिखता हूं वो जो बीज बोता है प्रयाण का
लिखता हूं वो निर्वाण जो जन्मदायक हो निर्माण का....