दिल दहलता है!
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दिल महकता है जब आप किसी के इश्क में पड़ जाते हैं।
दिल धडकता है जब कोई चोरी छिपे नयनो से आपको
निहारता है।
दिल फडकता है जब आपकी मनचीती हो जाती है।
दिल रोता है जब कोई करीबी आपको छोड़ कर चला जाता है।
इन सबसे जुदा------------
दिल दहलता है जब आप खबर पड़ते हैं कि एक चार महीने की बच्ची के दिल का ऑपरेशन करने के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पांच साल बाद ऑपरेशन करने की तारीख दी गई ।इस नन्ही सी जान के दिल में "छेद"है।कौन जाने इतनी बड़ी बीमारी लेकर यह बच्ची पांच साल तक जीवित रह पाएगी या नहीं।
यह खबर सुनने के बाद कौन ऐसा पत्थर दिल होगा,जिसका दिल नही दहलेगा।कसम से हमारा मन कर रहा है कि हम अपना देश चलाने वाले महाबुदि्द्मानो ,महापुरुषों से चिल्लाकर कहे--अरे ओ समझदारों ! आप शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए करोड़ों-अरबों रुपये पत्थरों को तामीर करने में जुटे हैं, खरबों रुपये एेसी परियोजनाओं में खर्चनें की योजना बना रहे हो जिससे आदमी दो घंटे में दिल्ली से मुम्बई चला जाएगा ।करोड़ों की विशाल मूर्तियाँ बना रहे हो, लेकिन क्या इतने अस्पताल नहीं बना सकते जिससे इस देश की एक चार महीने की बच्ची को अपने दिल का छेद बंद करवाने के लिए पांच साल का जानलेवा इंतज़ार न करना पड़े। आज भी गाँवों में तो चिकित्सा सुविधाएँ रामभरोसे ही है।
देश के लिए शर्मनाक और क्या कहें देश के कर्णधारो के लिए!
आइए इनबुक के साथ इनको आईना दिखाने के लिए सोये हुए कुम्भकरणो को जगाने के लिए।
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(हर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आपकी आवाज बुलंद)
(साभार राही जी)