एक छोटी सी मासूम गुड़िया थी मैं..
अपने बाबा की खुशियों की पुड़िया थी मै..
हिन्दू मुस्लिम से मुझको गरज कुछ नहीं..
जुर्म इतना था कि एक बिटिया थी मैं..
नोचकर मुझको ज़ालिम ने कर दिया इस जहां से विदा..
अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा...
चीख कर कह रही है सौम्या...
अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा अलविदा