81 वर्षीय पिता #ठाकुर_लक्ष्मण_सिंहजी राठौर ने भारत माता की रक्षा के लिए अपने 3 बेटों की कुर्बानी दी है ......इतना बड़ा त्याग देने के बाद भी इस शेर का सीना गर्व से चौड़ा रहता है...और कहता है अगर एक और बेटा होता तो उसे भी सेना में भेजता इसलिये हम कहते है इस मामले मे तुम कभी भी राजपूतो की बराबरी नही कर सकते ...
सबसे बड़े बेटे ने 1962 के युद्ध मे लद्दाख में गोरखा बटालियन से लड़ते हुए चीनियों से लड़ाई में शहादत दी .. इनके दूसरे लड़के मेजर बिर सिंह ने 1965 के
पाकिस्तान युद्ध मे मद्रास रेजिमेंट से लड़ते हुए अदम्य शौर्य दिखाते हुए पाकिस्तानियो के घात लगाकर किये हमले को नाकाम किया और शहीद हुए .....!
सबसे छोटे बेटे ने वायुसेना में जुड़ते हुए देश की सीमाओं पर एक एयर क्रैश में अपनी जान देश पर कुर्बान कर दी ......
वीर पिता अक्सर कहते है की,
"मेरे तीनों बेटों ने देश की रक्षा में अपनी जान देकर मुझे गौरवान्वित किया है! इस मुस्कुराते पिता को यह बात आज सबसे ज्यादा खुशी देती है .....
ऐसे अनगिनत बेटे पिता भाई पति की शौर्यगाथाऍ आज भी गुमनामी के अंधेरों में है! सरकारें आती है जाती है और सिर्फ घोटालो
और सत्ता के मद में मस्त रही है ! चापलूस मिडीया फिल्मी दुनिया के गौरव में मस्त है । उन्हें ऐसी वीरगाथा पर प्रकाश डालने की फुरसत नही । देश को इन वीरों
के बारे में बताना इन्होंने जरूरी नही समझा ......!
शूरवीरो को नमन ।
ऐसे वीरपुत्रों के पिता को शत शत नमन !
जय हिंद ! जय भारत । वंदे मातरम्!