लिख के ले लीजिये कल कोई सनकी हिंदू बलात्कार करके उसे जस्टीफाई करेगा और सीना ठोंक के कहेगा कि उसने किया है । इसीतरह कोई सनकी मुस्लिम बलात्कार करेगा और सीना ठोंक के कहेगा कि उसने किया है । और आप कल भी राष्ट्रवाद, छद्म सेकुलरता और धर्म के गुलाम थे व आगे भी रहेंगे ! तुम गुलाम ही हो क्योंकि न तुम्हें धर्म पता है ना राष्ट्रवाद ना सेकुलरता ! झूठी शान झूठे गौरव झूठे घमंड की आगोश में हो तुम ! तुम उस मक्कार दुश्मन जैसे हो जो दुश्मनी की आड़ में कहीं तक गिर सकता है , जिसके दुश्मनी का कोई स्तर नहीं है !
मरेंगी तो सिर्फ़ बेटियां ! क्योंकि वे ना हिंदू हैं ना मुसलमान !
उस मानसिकता से नीच कुछ भी नहीं हो सकता जो बलात्कार के बाद भी अपने देश की रैंकिंग देखे कि कौन कौन देश उससे ज्यादा घटिया हैं ! ये घटिया होने की होड़ है !
कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितनी महान संस्कृति रही है हमारी पर इससे फर्क पड़ेगा कि किस स्तर पर ले जाकर छोड़ देंगे इसे हम !
नोट -- तुम मतलब सब ! ये किसी पर्सनल के लिये नहीं है !