संजीव जैन's Album: Wall Photos

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[#योगवाणी]

#शीतली_प्राणायाम...
1.तनाव कम करने में: इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से आप तनाव को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.

2.चिंता को दूर भागने में: यह प्राणायाम चिंता को कम करने में बहुत अहम रोल निभाता है.

3.डिप्रेशन के लिए रामबाण है: अगर आप डिप्रेशन से ग्रसित हैं तो इस प्राणायाम का अभ्यास जरूर करनी चाहिए. यह डिप्रेशन को कम करने में रामबाण का काम करता है.

4.क्रोध: यह प्राणायाम गले और क्रोध की बीमारियों के लिए लाभकारी होता है. यह आपके गुस्सा को भी कम करता है.

5.भूख और प्यास: भूख और प्यास को नियंत्रित करने में मददगार होता है.

6.रक्तचाप कम करता है : इस प्राणायाम से ठंडकपन का अहसास होता है. यह शरीर में शीतलता लाती है और रक्तचाप कम करता है.

7.पित्त दोष: पित्त दोष (गर्मी) के असंतुलन से होने वाली बीमारियों में फायदेमंद होता है.

8.हार्मोन्स के स्राव: जननांगों में हार्मोन्स के स्राव को नियंत्रित करता है.

9.वासना : वासना की मानसिक और भावनात्मक प्रभाव को कम करता है.

10.शांत करने में: चूंकि यह प्राणायाम आपके शरीर को शीतलता प्रदान करती है जिसके कारण यह आपको शांत करने में अहम् भूमिका निभाता है.

11.स्वास्थ्य के लिए: यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है. इसका नियमित अभ्यास से आप बहुत सारे परेशानियों से बच सकते हैं.

12.रक्त की शुद्धता: यह प्राणायाम रक्त को शुद्ध करता है.

13.अपच से राहत: यह अपच से राहत देता है और बलगम एवं पित्त से होने वाले विकारों में फायदा पहुंचाता है.

14.आंखों और त्वचा के लिए: यह आंखों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है.

15.जहर का प्रभाव : जो यह प्राणायाम नियमित करते हैं, उनपर जहर का प्रभाव नहीं होगा.

16.त्वचा को बदलने की क्षमता: यह प्राणायाम एक नागिन के श्वसन की तरह होता है.माना जाता है कि साधक इस प्राणायाम के अभ्यास से अपनी त्वचा को बदलने की क्षमता रखता है. यह प्राणायाम वायु, जल और भोजन के अभाव में धैर्य क्षमता को भी बढ़ाता है.