संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 14,788 of 15,078 in Wall Photos

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले है
भीड़ है कयामत की और हम अकेले है।
क्या आपको नहीं लगता हैं कि इस अकेलेपन के जिम्मेदार हम स्वयं है। इस अकेलेपन का उम्र,लिंग,पेशे,सफलता,सामाजिक,वैवाहिक एवं आर्थिक स्थिति से कुछ लेना देना नहीं है। सब अकेलापन भुगत रहे हैं ---
हम सब इन दिनों पूरे दिन मशीनों के साथ उलझे रहते हैं ।इंसानी स्पर्श हमारे जीवन से गायब होता जा रहा है ,आज घर तो बड़ा है लेकिन उसमें रहने वाले लोग अपने फोन में व्यस्त रहते हैं।मुझे लगता हैं फोन पर यह निर्भरता अवसाद की तरफ ले जा रहा है--------
जरा विचार करें।