रिमझिम बरसात हो, ताल-तलैया-नदी नाले पानी से लबालब भरे हों और चहुँओर हरियाली हो...!
ये कल्पना करके ही तन और मन में मस्ती छा जाती है...तो फिर देखकर, उसमें विचरण कर कितना मज़ा आता है ये मुझसे पूछिये या खुद महसूस करिये...!
दरअसल मेरा घर जो है वो गाँव मे है, और वो भी झरही नदी के किनारे...!
ये जो सीन है न, ठीक मेरे घर के सामने की है...!
वैसे तो इस तरह का नजारा साल भर रहता है...लेकिन बरसात की बात ही कुछ और है...!
....सावन महीने की बधाई और शुभकामनाएं आप सभी को...!!