दोस्तों,
आज की तकनीकी दुनिया के वारे में क्या कहें,जितनी भी तारीफ करें शायद कम पड़ जाए।इसकी वजह से आज हम पहले के मुकाबले लोगों से आसानी से दोस्ती कर लेते हैं,और उनसे जुड़कर बातें कर लेते है, फिर भी आज लोगों का रिश्ता शायद उतना गहरा नही होता, जितने पहले होता था।
पुराने लोग अपने दोस्तों से बहुत करीब होते थे और उनकी दोस्ती सालो तक चलती थी।
आज के युग में इंटरनेट पर मैसेज भेजना, फोन पर बात करना ,बहुत सारे दोस्त आसानी से बनाए जा सकते हैं लेकिन ये दोस्ती गहरी हो यह जरूरी नहीं है।इंटरनेट या फोन दो लोगों के बीच एक पुल तो बांध देता है लेकिन उन्हें करीब नहीं ले आता।
Inbook network का मानना है कि एक पक्का दोस्त भाई से भी बढ़कर होता है। क्या आप चाहते है कि आपका भी ऐसा दोस्त हो?(जो सुख दुःख में सहायक हो)। क्या आप खुद ऐसे दोस्त हो? खुद से पूछिए"जिनसे मैं इंटरनेट पर बातचीत करता हूँ, उनमें से कौन वैसा है? उन्हें मेरी कौन सी बात अच्छी लगती है।हम इंटरनेट पर अक्सर उन्ही के साथ दोस्ती करते हैं,जिनकी दिलचस्पी या शौक हमारी तरह होते है,लेकिन Inbook का मानना है कि एक जैसी बातों में दिलचस्पी रखने से कही ज्यादा जरूरी है एक जैसे उसूल होना।
Inbook network का मूलभूत उद्देश्य ही है कि इस नेटवर्क के माध्यम से दोस्त बनाएँ तो केवल चेहरा देखकर ही नहीं बल्कि एक दूसरे की भावनाओं को समझ कर।।
दोस्ती हो ऐसी और दोस्त हो ऐसा
सुख दुःख ,खुशी और गम में हो एक जैसा।।