संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 15,251 of 15,257 in Wall Photos

INBOOK
Real Indian social networking site
(सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आपकी आवाज बुलंद)
====================:================
(नारी हमारी दृष्टि में!)
विचार करें।
क्या नारी हमारे लिए भोग की वस्तु है?
हम देख रहे है कि हर विज्ञापन में अधनंगी नारी को ही क्यों दिखाया जाता है?क्यों हर वस्तु बेचनें के लिए इनको विज्ञापन में दिखाया जाता हैं? हर विज्ञापन एजेंसियाँ समाज को क्या संदेश देना चाहती है?
में आपके सामने एक सवाल रखना चाहता हूँ कि साबुन या पेस्ट हो,स्कूटर या कार हो,तेल या आटा हो, कोई भी विज्ञापन हो सबमें लड़कियों के अधनंगे बदन को परोसना क्या नारीत्व के साथ बलात्कार नहीं है?
दिन रात टीवी हो, सीरियल हो या फिर फिल्में लगातार स्त्रीत्व का बलात्कार होते देखने वाले और उस पर खुश होकर ताली बजाने वाले क्या बलात्कारी नहीं है?
संस्कृति के साथ, मर्यादाओं के साथ, संस्कारों के साथ, लज्जा के साथ जो ये सब किया जा रहा है वो बलात्कार नहीं है क्या? निरंतर हो रहे नारीत्व के बलात्कार के समर्थकों को नारी के बलात्कार पर शर्म आना उसी तरह से है जैसे मांस खाने वाला लहसुन प्याज पर नाक सिकोडे।
जरा विचार करें इस भयानक सामाजिक समस्या के लिए हम किसे जिम्मेदार माने,जो भी इस घ्रणित कार्य में लिप्त हैं जो नारी को इस रूप में हमारे सामने परोस रहे हैं और हम ताली बजा कर इनका समर्थन प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कर रहे हैं कहीं ना कहीं हम सब भी इसके जिम्मेदार है।
(Inbook )का मानना है कि जब तक हम नारी जाति को नारित्व का दर्जा नहीं देंगे तब तक महिला विकास या महिला सशक्ति करण की बातें वेमानी लगती हैं।
आऔ करें हम नारी का सम्मान
ये भी है हमारे घरों की शान।।