विचार करें,
हममें से कुछ लोगों की सुबह आलोचक के रूप में होती है,उन्हें हर बात में नकारात्मक ही दिखाई देती है ।
हर कोई प्रसिद्ध चाहता है, अपना नाम चाहता है और चाहता है कि हर कोई उनकी बातों से सहमत हो मैं भी अपवाद नहीं हूं।अपने नाम के लिए हम सकारात्मक सोच भी अपना सकते है,ऐसा ना हो कि एक दल की तारीफ और दूसरे दल की आलोचना में हम अपनी संस्कृति,सभ्यता को तांक पर रखकर आपस में वैमनष्यता को फलने फूलने दे,विचार करें।।