बुद्ध ने कहा है ; अगर ये तीन लपटे बुझ जाय तो फिर अहंकार भी बुझ जाता है । क्योकि ये तीनो लपटे अहंकार के लिए ईंधन का काम करती है ।
जो तुम्हारे पास नही है , उसे चाहो मत !
जो तुम्हारे पास है उस पर मालकियत मत रखो !
प्रभु की कृपा , कि तुम्हारे पास है और जब वो लेना चाहे तो ले ले !
जिसने तुम्हे दिया है , वह वापिस ले ले तो तुम अड़चन मत डालो ।