संजीव जैन's Album: Wall Photos

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तुम्हें याद करते-करते, जाएगी रैन सारी
तुम ले गए हो अपने, संग नींद भी हमारी
तुम्हें याद करते-करते...

मन है के जा बसा है, अन्जान इक नगर में
कुछ खोजता है पागल , खोयी हुई डगर में
इतने बड़े महल में, घबराऊँ मैं बेचारी
तुम ले गए हो अपने...

बिरहा की इस चिता से, तुम ही मुझे निकालो
जो तुम ना आ सको तो, मुझे स्वप्न में बुला लो
मुझे ऐसे मत जलाओ, मेरी प्रीत है तुम्हारी
तुम ले गए हो अपने...