संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 571 of 15,035 in Wall Photos

कल मैं रिक्शे से घर आया .

मैंने रिक्शे वाले से पूछा- भैय्या आपके बच्चे हैं
अगर बुरा न मानें तो, कुछ छोटे कपड़े मैं उनके लिए
दे दूँ.. आप पहनाओगे क्या⁉️

उसने कहा - जी साहब

मैंने कहा - आप घर के अंदर आ जाओ
सोफे पर बैठो
मैं कपड़े लाता हूँ ।

जब तक मैं कपड़े लाया वो बाहर ही खड़ा रहा !
ये देख मैंने कहा -भैय्या बैठ जाओ और
देख लो
जो कपड़े आपके काम आ जायें ..

कांपते हुए वो सोफे पर बैठ गया ..शायद उसे बुखार भी था

मैंने कहा -ठण्ड लग रही है तो चाय बना दूँ ..
आप पी लो ..

ये सुनते ही उसकी आँखो से आंसू बहने लगे

बोला नहीं साहब बहुत छोटेपन से रिक्शा चला रहा हूँ..
आजतक ऐसा कोई नहीं मिला जो,इतनी इज़्ज़त दे
हम जैसे लोगो को!
और ये जो कपड़े हैं जो आप लोग हम जैसों को देते हैं हम लोग इसको रोज़ न पहन कर रिश्तेदारी या शादी- पार्टी में पहन कर जाते हैं । बहुत ग़रीबी है साहब ।

दो हफ़्ते बाद घर जाऊंगा तब बच्चे ये कपड़े पहनेंगे बहुत दुआ देंगे साहब ये बात सुनते ही मन बोझिल सा हो गया..
फ़िर मन में यही आया ❗
धार्मिक स्थानों में दान करने से भला तो किसी की आवश्यक्तायें पूरी की जाएँ.......

आपका क्या विचार है?? ?