जापान से लोटे एक भारतीय ने जापान के नागरीक की एक दिल छु देनी वाली कहानी बताई थी....
एक दिन जब अपना भारतीय भाई जापान के ट्रेन में ओसाका की ओर सफर कर रहा था तो उसने अपने बगल में बेठे जापानी को कुछ करता देख उत्सुकता से पुछा के क्या कर रहे हो ,तो उस जापानी ने जवाब दिया के में एक टेयलर हु ओर मेरी बेठने वाली सीट थोड़ी सी फटी थी जिसे सी रहा हु, इसपर भारतीय बोला के यह काम तो सरकार का हे जिसपर उस जापानी ने मुस्कुराते हुये कहा की जापान का हर नागरिक सरकार हे ओर हम अपने सरकारी चीजों का उतना ही ख्याल रखते हैं। जितना के अपने घर के चीजों का, यह जवाब सुन कर अपने भाई को ऎसा लगा जेसे किसी ने जोर से गाल पे तमाचा मारा हो.......
पिछले दिनों जब यह खबर सुनी के अपने देश में अपने लोगों ने अपने ही रेलवे के लाखों चीजें को चुराया था तो दिल बहुत दुखित हुआ के केसे कोई अपने ही घर में अपनी ही चीजें चुरा सकता हे.....
देशभक्ति का अर्थ सिर्फ देश की जयजयकार करने में ही नहीं बल्कि देश की सम्पति की सुरक्षा में भी हे, देश विकसित होता हे उसके नागरिकों न के सरकार या फिर सरकारी नीतियों से, जो देश विकसित नहीं हुआ उसका पहला कारण उसका नागरिक हे.....