संजीव जैन's Album: Wall Photos

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बहुत से लोग मानते है कि लक्ष्मीजी तय करती है कि आप रूपचौदस मनायेगे या नरकचौदस ! गाँठ मे माल हो तो रूप तो निखरा निखरा रहता ही है ,मन भी खुश खुश बना रहता है ! चौदहवी के चाँदो की चांदनी बिखरी रहती है जीवन मे ! पर ठहरे जरा ,इतने जल्दी किसी नतीजे पर पहुंचने की जल्दीबाजी मत मचायें ! हमने बहुत सी रूपवतियो के पतियो को नरक मे रहते देखा है ! और बहुत ऐसे भी मिले जो अपनी संस्कारी पत्नी की सोहबत मे जीवन भर स्वर्ग मे रहे और मरते समय भी निश्चिंत होकर मरे ! लोगो ने उनके बारे मे यही राय बनाई कि बब्बा स्वर्गवासी ही हुये होगें !
अब इसका मतलब यह मत निकाल लीजिये कि सुंदर महिलायें संस्कारी नही होती ! खूब होती है ! मुझे तो हर सुंदर महिला संस्कारी ही लगती है ! दरअसल महिलाये हर हाल मे पुरूषो से ज्यादा संस्कारी होती है ! और देश मे संस्कारो के नाम पर जितना भी भभ्भड फैला हुआ है वो पुरूषो की ही देन है !
खैर विषय से भटकने का कोई फायदा नही ! हम रूपचौदस पर ही केन्द्रित रहे ! सुंदर महिला का प्रवेश होता है जीवन मे ! पति की प्रथम और और पडौसियो की अंतिम राय यही बनती है कि ये मितव्ययी होगी ! इनका मेकअप जैसी बातो से कोई संबध नही होगा ! पर पति बहुत जल्दी इस निष्कर्ष पर पहुँच जाता है कि वो गलत सोच रहा था ! सुंदर महिला और अधिक सुंदर दिखना चाहती है ! उनके साथ दिक्कत यह होती है कि वो हमेशा सुंदर दिखना चाहती है और सबसे सुंदर दिखना चाहती है ! वो गुलाब जल से लेकर गधी के दूध तक को आजमाती है और ऐसे हर प्रयास से उनका पति का पर्स नरक भुगतता है !
पुरूष और महिलाओ मे सुंदरता के मानक क्या निर्धारित है इसे ऐसे समझें ! इंग्लैड मे एक रानी हुई जो सुंदर दिखने के लिये ,कमउम्र लडकियो के खून से नहाती थी ! जबकि फ्रांस के एक राजा खुद को इतना सुंदर और साफ सुथरा मानते थे कि वो पैदा होने और मरने के दिन के अलावा कभी भी नहाने जैसे फालतू काम के चक्कर मे नही पडे !
वैसे मुझे नही लगता कि दुनिया की किसी भी महिला को यह लगता होगा कि वो सुंदर नही ! इसके बावजूद हर गली ,नुक्कड पर मौजूद ब्यूटिपार्लर्स ,लाखो प्रकार की क्रीमे बनाने वाले रात दिन जान लडाये रहते है कि वे और सुंदर दिखे ! मजेदार बात है महिलाओ को और सुंदर बनाने का ठेका लेने वाली इन सारी दुकानो के मालिक पुरूष है और महिलाओ को सुंदर भी उन्ही के लिये होना है !
जहाँ तक पुरूषो की बात है ! अधिकांश पुरूष माने या ना माने पर मे से अधिकांश नरकासुर के ही खानदान से है ! उनकी पत्नियो की यही राय होती है उनके बारे मे ! पत्नियाँ मानती है कि इस आदमी को ना ब्रश करने की तमीज है ना हेयरकट करवाने की ! यह नही पता कि साफ सफाई किस चिडिया का नाम है ! हर पत्नी मानती है कि उसके पति को बाथरूम कैसे साफ रखा जाये इस बाबत रोज बताते रहना बहुत जरूरी है !
पत्नी ही है जो अपने अलावा आपको भी रूपवान बनाने के लिये सदैव चिंतित बनी रहती है ! पत्नियाँ ना होती तो क्या आप अलमारी मे महिनो से दबी कुचली शर्ट को दोबारा प्रेस करवाने की सोचते ,शेव करते या जूतो मे पॉलिश करवाने का ख्याल आता आपके दिमाग मे ! जाहिर है ऐसी बाते संस्कारी पत्नियाँ ही सोच सकती है !
सच तो यह है कि कि सारी ही महिलाये संस्कारी और रूपवान होती है ! और उनके कारण ही यह पृथ्वी रहने लायक बनी हुई है ! और जो आदमी ऐसा नही सोचता उसके लिये आज कल और परसो सारे दिन नरकचौदस ही हैं !