स्वदेशी
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स्वदेशी आधार है -समाज की सेवा का
स्वदेशी उत्थान है -समाज व राष्ट्र का ।
1,स्वदेशी क्या है?--जो अपने आसपास ही उत्पन्न हो और आसानी से उपलब्ध हो जाए ।
2,स्वदेशी क्यों?----इसके बिना हमारा आर्थिक शोषण नहीं रुक सकेगा ।
3,स्वदेशी कहाँ?---जो कुछ हमें प्रकृति से उपलब्ध हो जाए वहाँ ।
4,स्वदेशी कब?---जब हमें सामाजिक सुख शांति की चाह हो तब ।
5,स्वदेशी कौन?---जो हमारी चेतना में उपभोग नहीं उपयोग का भाव जागृत करें।
6,स्वदेशी कैसे?-----अपने आसपास के हस्त निर्मित वस्तुओं को उपयोग का संकल्प लेकर ।
7,स्वदेशी कब तक?---जीवन भर
8,स्वदेशी में क्या?---भाषा,पहनावा,औषधियां,शिक्षा,रीति रिवाज,भौतिक उपयोग की वस्तुएँ,कृषि,न्याय व्यवस्था,नेटवर्क आदि ।
किसी भी देश को यदि आर्थिक,सामाजिक,तकनीकी,सुरक्षा आदि में समर्थ व महाशक्ति बनना है तो स्वदेशी मंत्र को अपनाना ही होगा दूसरा कोई मार्ग नहीं ।।
स्वदेशी का गुणगान करें,स्वदेशी को अपनाकर ।।
Inbook network आपका अपना स्वदेशी नेटवर्क ।।
आज ही आपके अपने नेटवर्क से जुड़े और राष्ट्र के नवनिर्माण में सहयोग करें ।