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सम्पूर्ण भारतीय स्वदेशी सामाजिक नेटवर्क
आपका अपना नेटवर्क
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महात्मा गाँधी के शब्दों में ---------
"स्वदेशी की भावना का अर्थ है हमारी वह भावना जो हमें दूर को छोड़कर अपने समीपवर्ती परिवेश का ही उपयोग और सेवा करना सिखाती हैं"।
स्वदेशी क्या है?
स्वदेशी वस्तु नही चिन्तन है
स्वदेशी तंत्र है-- ऋषि जीवन का
स्वदेशी मंत्र है--सुख शांति का
स्वदेशी शस्त्र है--युग क्रांति का
स्वदेशी समाधान है--बेरोजगारी का
स्वदेशी कवच है --शोषण से बचने का
स्वदेशी सम्मान है --श्रमशीलता का
स्वदेशी संरक्षक है -- प्रकृति पर्यावरण का
स्वदेशी आंदोलन है -- सादगी का
स्वदेशी संग्राम है -- जीवन मरण का
स्वदेशी आधार है -- समाज की सेवा का
स्वदेशी उपचार है -- मानवता के पतन का
स्वदेशी उत्थान है -- समाज व राष्ट्र का।।
किसी भी देश को यदि आर्थिक,सामाजिक,तकनीकी,सुरक्षा आदि क्षेत्र में समर्थ व महाशक्ति बनना है तो स्वदेशी मंत्र को अपनाना ही होगा।