क्या ये तस्वीर हमें सोचने पर मजबूर नहीं कर रही है हम अपने आपको कैसे पढ़ें लिखे सभ्य समझने की भूल कर रहे हैं ।आज समाज में हम जैसे लोग समझते हुए भी समय समय पर कचरा फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ये समझते हुए कि सफाई का काम सरकार का है ।
कचरा फेंकने वाले मानसिक रूप से रोगी नहीं बल्कि स्वस्थ होते है बस सोच की बात है कि हम पढ़ें हुए लोग कचरा फेंके और दूसरे दिन एक अनपढ़ आकर सफाई करें ।
सफाई रखना हम सबकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।