मित्रों,
हमारे भारत देश का गौरवमयी इतिहास सदियों पूर्व से रहा है,
भारत का वैभव देखकर ही अंग्रेजो ने हमारे देश को "सोने की चिड़िया कहा" था ,यहां एक सवाल उठता है कि इतना शक्तिशाली संपन्न भारत की दुर्दशा कैसे हुई? इसका संक्षिप्त में जवाब यही है कि अंग्रेजों ने जानबूझकर अपने शासनकाल में 3735 ऐसे कानून बना दिए जिससे हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। वे सभी कानून आज भी चलते हैं कोई परिवर्तन नहीं है ।
जिन विदेशी कंपनियों ने भारत को खोखला बनाया और जिन विदेशी कंपनियों के बहिष्कार के लिए स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों ने स्वदेशी आंदोलन चलाते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए उन्हीं कंपनियों को आज सरकार आमंत्रित कर रही है आज हमारे देश में ऐसे 5000 से भी अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना सामान बेच रही है अब तो इन कंपनियों ने अपने सामानों के साथ साथ हमारी धार्मिक ,सामाजिक संरचना पर भी कब्जा कर लिया है ।
दोस्तों ,
अब समय आ गया है कि हम स्वदेशी का महत्व समझें और स्वदेशी ही अपनाएँ और देश के गौरवमई इतिहास को फिर से वैभवशाली बनाए।।
। इनबुक नेटवर्क,स्वदेशी नेटवर्क।।