मीरा नायर ने दो समलैंगिक महिलाओं पे एक फ़िल्म बनाई थी फायर जिसमे एक का नाम राधा और दूसरी का नाम सीता था!
मकबूल फिदा हुसैन नामक एक पेंटर हुआ करता थे जो हिन्दू देवियों की अश्लील पेंटिंग बनाया करता था!
दाऊद इब्राहिम को महिमामंडित करने के लिए कंपनी और डी जैसी फिल्में बनाई जाती थी!
उस दौर में भी हम सब इनका विरोध करते थे तो कांग्रेस शासन में लाठी डंडों से स्वागत किया जाता था!!
हमारी विचारधारा में एक बात समझाई जाती थी,
अगर किसी देश को खत्म करना है तो उसकी संस्कृति को खत्म कर दो वो देश खुद ब खुद खत्म हो जाएगा!
आज फ़िल्म बन रही है रानी लक्ष्मी बाई पे, उरी की सर्जिकल स्ट्राइक पे, बाला साहेब पे, और ऐसे कई अच्छे विषयो पे जिनमे भारत ने कामयाबी के झंडे गाड़े हैं!!
अब अयोध्या में शानदार आयोजन कर दीवाली मनाई जा रही है जो आज तक तो किसी ने मनवाने की जहमत नही उठायी,
आज लोग प्रयागराज कुम्भ जाकर शान से चेक इन मार रहे, सेल्फियां अपलोड कर रहे, धीरे धीरे ही सही हम अपनी जड़ों की तरफ लौट तो रहे हैं,
स्वदेशाभिमान नाम की कोई बात तो दिख रही है!
लेकिन मोदी ने क्या तीर मार लिया,
मोदी के आने के बाद देश बर्बाद हुआ है,
छोड़ना मत 2019 में निपटा ही देना,
काहे कि हम अच्छा नेतृत्व डिजर्व ही नही करते!!
बस एक बात याद रखना,
अपनी जिंदगी सब ठीक ठाक काट ही लेते हैं,
लेकिन जो बात मायने रखती है, जो आपको तय करना है, वो ये है,
हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसा भारत छोड़कर जाएंगे अपनी अन्तरात्मा से पूछ लेना