#होड़ लगी है पूरे देश में
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#महाराणा प्रताप को #राजपूत बताने की,
#शिवाजी महाराज को #मराठा बताने की,
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महाराजा #सूरजमल को #जाट बताने की,
सरदार वल्लभ भाई पटेल को
#पाटीदार बताने की,
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पर कोई भी यह नहीं कह रहा है कि ये सब #हिन्दू थे।
मां भवानी केवल मराठा हो गई,
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वीर तेजाजी केवल जाट हो गए,
मां करणी केवल ठाकुर हो गयी,
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भगवान देवनारायण केवल गुर्जर रह गये,
महर्षि वाल्मीकि केवल शुद्र हो गए,
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भगवान राम केवल क्षत्रिय हो गए,
भगवान कृष्ण केवल यादव हो गए,
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भोले नाथ केवल वनवासी हो गए,
महिषासुर उनका भगवान बन गया,
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रावण उनका देवता बन गया,
माँ सीता केवल महिला बन गईं,
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महर्षि मनु केवल अत्याचारी बन गए,
महात्मा बुद्ध केवल कर्मकांड विरोधी हो गए,
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गुरु नानक देव केवल सिख हो गए,
महावीर स्वामी केवल जैन हो गए,
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और तो और भगवान परशुराम ब्राह्मण हो गए!
पर एक बात बताओ?
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क्या हम हिन्दू #पतन की और नहीं जा रहे ?
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ध्यान रहे !
पर तुम याद रखना एक अकेला तिनका हलके से जोर से भी टूट जाता है मगर यही तिनका अनेक तिनकों के साथ जब गट्ठर बन जाता है। तो उसे बड़े से बड़ा पहलवान भी नहीं तोड़ सकता।