परिवार परमात्मा की ओर से स्थापित एक ऐसा साधन है, जिसके द्वारा हम अपना आत्म विकास सहज में ही कर सकते हैं,ओर आत्मा में सतोगुण को परिपुष्ट कर सुखी ,सम्रद्व जीवन पा सकते हैं। मानव-जीवन की सर्वांगीण सुव्यवस्था के लिए पारवारिक जीवन प्रथम सोपान है। मनुष्य केवल सेवा , कर्म ओर साधना में ही पूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है।
हम सब प्रयास करें कि परिवार को विखरने न दें ।।
विचार अवश्य करें!!