मैं तो बैरागी हूँ, न सन्मान का मोह न अपमान का भय ,जो मै हु वो मैं नहीं हूँ ,और जो मैं नहीं हूँ वो ही मैं हूँ,मैं आदि हूँ मैं ही अनंत हूँ, जब तक तुम जीवित हो मैं तो तुम में हूँ ,मृत्यू के पश्चात तुम मुझमें हो ,,मै शिव हूँ ,मैं ही भैरव हूँ, ब्रम्हांड से लेके एक तृण तक मैं ही मैं हूँ ।