इस शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है लेकिन पता नही क्यों इनकी स्थिति देखकर इनके प्रति मन में सहानुभूति उत्पन्न हो रही है। आप लोग क्या कहेंगे इस पर ?
माँ भी, शिक्षिका भी, पत्नी भी, घर की भी ड्यूटी और बाहर की भी। एक ओर सरकारी ड्यूटी दूसरी ओर मां का फर्ज। बड़ी विकट स्थिति है। लेकिन इन सबके बीच यक्ष प्रश्न उन नौनिहालों के भविष्य का भी जो सुखद भविष्य की उम्मीद में पीठ पर बस्ता लादकर स्कूल पढ़ने आये हैं।