पूज्य पिताजी ( स्व.श्री नैमीचन्द्र जी जैन )को तृतीय पुण्यतिथि ( 24/12/2016 )पर सादर नमन ।
मेरा अस्तित्व, मेरा जीवन सब मेरे पूजनीय पिताजी की ही देन है। सिद्धांत, वैचारिक ईमानदारी ,आमजन के प्रति समर्पण ऐसे अनेक गुण हैं जिनको मैंने आत्मसात करने का प्रयास किया है।
आपका बेटा होना मेरी जीवन का सबसे बड़ा गौरव है, आपके द्वारा बताए हुए जनसेवा के मार्ग पर चलना ही मेरा लक्ष्य है।